राम्या जिरासिंघे की कविताएं (श्रीलंका)

(अनुवाद- राजेश झा)

कवि परिचय– राम्या जिरासिंघे श्रीलंका की प्रतिष्ठित कवयित्री। अपनी अंग्रेजी कविताओं के लिए इन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। इनकी कविताओं में युद्ध, प्रेम, शरणार्थियों की वेदना जैसे विषयों पर गहरी संवेदनशीलता दिखाई देती है।

-१-
शरणार्थियों के समय में

रसोईघर में बर्तन मांजने की हौदी के सामने खड़ी औरत।
दिख रही साबुन की झाग, जैसे हों नाजुक सपने
सुबह-सुबह प्लेट की किनारी से टकराकर फूट रहे हैं
लाखों करोड़ों बुलबुले।

हौदी में उलबुला रही है एक थाली
उंगली से दबाती है औरत, फिर आ जाता है ऊपर, तैरता है सतह पर फिर

बंद कर दिया गया है एजियन समुद्र, द्वीप और तट…
अपने सामान के साथ दिखी है
फिर से
शरणार्थियों की एक नाव

डूबी हुई नौकाओं से फड़फड़ा कर निकल रही हैं हजारों आत्माएं
औरत हौदी के अंदर, गहरे में ऊंगली डालकर निकाल रही है
मछली के कांटे
जारी है अपने खुशहाल, परिपूर्ण घर के भीतर प्यार की तलाश
ग्रीस के अगाथोनिसी टापू पर
तट को नाखून से बकोट रहा है शरणार्थी

कायोस, कैलीम्नोस, सामोस,
लेरोस, लेस्वोस के तट पर उसकी चाहतों-हसरतों से
टकरा रही हैं लहरें।

In These Days of Refugees-Ramya Jirasinghe- English original Text

-२-
चाहतें- एक लघु परिचय

अस्सी साल का इंसान ही जानता है
कमरे की लंबाई और चौड़ाई
मेज के साथ टिक कर खड़े
चार पाए वाली बैसाखी
और कागज की तरह पतली हो चुकी चमड़ी के बारे में
जो छूने से भी टूट सकती है।

जानता है वह कि चाहतें उम्र की गुलाम नहीं होती।
गुस्से में भरकर छोड़ देता है रातों को।
जब भी खुलता है दरवाजा
चमकती आंखें लिए
उछल कर खड़ा हो जाता है।

सिर्फ अस्सी साल का इंसान ही जानता है
कि डूबते सूरज को
नापसंद करता है दिल।

बगीचे में
आम के पेड़ पर
फल अभी नहीं हुए हैं पीले
Longing- A Brief Introduction- Ramya Jirasinghe- Original English Text

(वागर्थ में प्रकाशित- सितंबर 2023)

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