Wouldn’t Take Nothing for my Journey Now- Maya Angelou (Quotes)

Celebrated Author, social activist and black-rights crusader Maya Angelou's writings are as fascinating as her life is inspiring. Illuminating the path of action, never-say-die attitude in the face of personal calamities and social oppression mark her as a universally loved personality. Here are some quotes from her book 'Wouldn't Take nothing from my Journey Now'.

कभी न लिखी जाने वाली कविता के लिए नोट्स (मार्गरेट एटवुड)

मानवाधिकार हनन और प्रताड़ना के खिलाफ मार्गरेट एटवुड की कविता। चालीस साल पहले लिखी यह कविता दुनिया भर में प्रताड़ित हो रहे लोगों, कवियों, लेखकों के लिए गहरी संवेदना से सराबोर है।

सैयद शमशुल हक की कविताएं -1 (बंगलादेश)

सैयद शमशुल हक (1935-2016) बंगलादेश के अग्रणी कवि, हैं। उनकी रचनाओं में आधुनिकताबोध के साथ ही बंगलादेश की सांस्कृतिक विरासत की गंध पिरोयी होती है। उन्होंने कविता, नाटक और उपन्यास के साथ ही अनेक विधाओं में रचनाएं की। ये कविताएं सैयद शमसुल हक के काव्य संग्रह पोरानेर गहीन भीतोर के अंग्रेजी अनुवाद से ली गयी हैं। अंग्रेजी अनुवाद प्रोफेसर सोनिया अमीन ने किया है। उनकी दस कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी से हिंदी में दो खंडों में किया गया है। पहला खंड।

जेयार लिन की कविताएं (म्यामार)

Zeyar Lynn (b. 1958) is a Burmese poet, critic and translator.He is a leading figure of post modern poetry in Myanmar.Lynn has propagated "poetry from the head" as opposed to that from the heart. He has published more than twenty collections of poetry and essays. He is considered a major influence on the new generation of Burmese poets. He has also translated poets such as Wisława Szymborska, Tomas Tranströmer, John Ashbery, Sylvia Plath, and Charles Bernstein into Burmese

चिनार की पीली गवाही में दफनाया है मैंने*

कवि, कहानीकार तथा अनुवादक के. श्रीलता आधुनिक भारतीय अंग्रेजी लेखकों में एक जानी मानी नाम हैं। उनके अनेक चार काव्य संग्रह तथा एक उपन्यास प्रकाशित। बिंबों की सरलता और लेखन की सादगी उनकी कविताओं की खास पहचान है। वे आईआईटी मद्रास में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। 

फदील अल अज्जावी की कविताएं (ईराक)

Faddil Al Azzawi (b. 1940) is an Iraqi poet, novelist and literary critic. His works combine elements of prose and poetry together. He is a widely respected poet and literary figure who was jailed in 1963 by the Iraqi government. He now lives in Germany after going in exile. He believes that poetry separates falsehood from truth and the work of the poet is to break the mould. Some of his poems are translated here in Hindi.

लैटिन अमरीकी कविताएं (अर्जेंटीना, कोलंबिया, बोलीविया)

लैटिन अमरीका के तीन देशों-अर्जेटीना, बोलीविया और कोलंबिया के तीन महत्वपूर्ण कवियों का अनुवाद।

लैटिन अमरीकी कविता (मेक्सिको)

  अनुवादः राजेश कुमार झा डेविड होर्ता की तीन कविताएं डेविड होर्ता (जन्म 1949) मेक्सिको के महानतम कवियों में गिने जाते हैं। वे अपनी कविताओ में बिंब और प्रतीकों के साथ ही बिलकुल असामान्य शब्दावली का इस्तेमाल करते हैं। होर्ता की कविताएं असाधारण और जटिल हैं। उनका मानना है कि वे परंपरागत शैली में कविता... Continue Reading →

निज़ार कब्बानी की कविताएं

Nizar Qabbani (1923-1998), Syrian poet and diplomat. His poetic style combines simplicity and elegance in exploring themes of love, eroticism, feminism, religion, and Arab nationalism. Qabbani is one of the most revered contemporary poets in the Arab world. Here are three of his poems translated into Hindi (from English translations)

बेन ओकरी की कविताएं

बेन ओकरी प्रसिद्ध अफ्रीकी साहित्यकार। जन्म- नाइजीरिया, 1959। कवि और उपन्यासकार के रूप में बेन ओकरी को आधुनिककाल के महान लेखकों में गिना जाता है। उपन्यास दि फैमिश्ड रोड के लिए 1991 में बुकर पुरस्कार से सम्मानित। आलोचकों ने ओकरी की तुलना मार्केज से की है और उनकी रचनाओं में मैजिक रिएलिज्म के तत्व गिनाए... Continue Reading →

अंधायुग (बर्त्तोल ब्रेख्त)

(बर्त्तोल   ब्रेख्त- 20वीं सदी के महान कवि, नाटककार तथा निर्देशक। जन्म- जर्मनी 1898, मृत्यु-1956। ब्रेख़्त ने नाटकों को एक नयी शैली प्रदान की। मदर करेज और थ्री पेनी ओपेरा उनके प्रसिद्ध नाटक हैं। इनकी रचनाओं में शांति की पक्षधरता तथा फासीवाद एवं युद्ध विरोधी स्वर मुखर रूप में दिखाई देता है।) अंधायुग (बर्त्तोल ब्रेख्त)... Continue Reading →

पाब्लो नेरूदा की कविता

मृत्यु (पाब्लो नेरूदा) (अनुवादः राजेश कुमार झा) सूने कब्रिस्तान निस्पंद, अस्थिपूरित कब्रें, मन की अंधेरी गहराइयां, अंधकार, अंधकार, अंधकार, गहन झंझावात में डूबती नैया- मृत्यु घेरती है अंतस्तल को, जैसे घुट रहा है गला दिल ही दिल में, जैसे अपनी ही त्वचा से पलायन करता प्राण, हौले हौले। बिछे हैं शव, चिपचिपे मृत्युप्रस्तर की कंपकंपाहट, अस्थियों... Continue Reading →

औरत/ नदी (उज्वला सामर्थ)

  (अनुवाद: राजेश कुमार झा) औरत हूँ मैं और इसीलिए नदी भी। बहती आई हूँ सदियों से, ढोती पीढ़ियों की गाद। झेली है मैंने टूटी उम्मीदों की बेशर्म चुभन, अचानक बेघर होने का दर्द, थके मांदे लोगों का बुझा बुझा आक्रोश। लोरियां गाकर सुलाया है मैंने अपराधी अस्थि-पंजरों को, मगर साथ ही जानती हूँ मैं... Continue Reading →

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