मानवाधिकार हनन और प्रताड़ना के खिलाफ मार्गरेट एटवुड की कविता। चालीस साल पहले लिखी यह कविता दुनिया भर में प्रताड़ित हो रहे लोगों, कवियों, लेखकों के लिए गहरी संवेदना से सराबोर है।
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मानवाधिकार हनन और प्रताड़ना के खिलाफ मार्गरेट एटवुड की कविता। चालीस साल पहले लिखी यह कविता दुनिया भर में प्रताड़ित हो रहे लोगों, कवियों, लेखकों के लिए गहरी संवेदना से सराबोर है।