अनुवाद- राजेश कुमार झा

कवि परिचय– जीन जोसेफ रेबियारिवेलो (1901-37) को 20वीं सदी के मेडागास्कर का महानतम कवि माना जाता है। उन्हें अफ्रीका के पहले आधुनिक कवि का दर्जा भी प्राप्त है। अपने छोटे से जीवन काल में उन्होंने अनेक कविता संग्रह, दो उपनयास और एक ओपरा की रचना की। वे मालागासी तथा फ्रेंच में रचना करते थे।
मेडागास्कर के अन्य कवियों के साथ उन्होंने एक काव्य आंदोलन की भी शुरुआत की थी जिसे ‘खोए मूल्यों की तलाश’ कहा जाता था। 1960 में मेडागास्कर की आजादी के बाद उन्हें देश का राष्ट्रीय कवि घोषित किया गया।
हिंदी अनुवाद लेनर्ड फॉक्स के अंग्रेजी अनुवाद पर आधारित।
1. तीन परिंदे
वो लोहे के परिंदे, इस्पात के परिंदे,
चीर कर भोर के बादल
दिन के उस पार-
चाहते तारों को चुगना,
इंसान की बनाई गुफा में
उतर रहे हैं नीचे
जैसे कर रहे हों पश्चाताप।
वो हाड़-मांस के पंछी, पंखों वाले पंछी
पेडों की टहनियों के बीच
सपनों में दिखे चांद पर जाने को
जो बनाते हैं हवा में सुरंग-
पत्तियों की भूलभुलैया में
शाम होते ही गिरते हैं एक साथ।
वो जो है निराकार, निर्देह
तुतलाते संगीत से जो
मोहता है मुंड के निगहबान को-
फिर खोल देता है
अपने गुंजाते पंख
उड़ जाता है शांत करने आकाश
नहीं लौटता कभी, बस एक बार बनकर शाश्वत।
Three Birds- English Text
2. पढ़ाई
शोर मत करो, बोलो मत,
आंखें, दिल, आत्मा, सपने
जंगल का करेंगे अन्वेषण, करेंगे जंगल की छानबीन..
गुप्त, महसूस होने वाला जंगल
जंगल
चुप्पी से लरजता जंगल।
जंगल जहां जाल में फंसने वाली चिड़िया
कर दी जाती है गाने को मजबूर
या रोने को
जहां पैदा हुई थी
जंगल की चिड़िया।
पवित्र जंगल,
तुम्हारे हाथों में छिपी,
चिड़िया।
Reading-English Text
3. रात
खुद को छलते हो,
लगते हो छोटी सी चिड़िया की तरह, तुम
बर्फीले जंगल में खोए
पहुंचते हो टैगोर की छाती में
और व्हिटमैन और जेम्स के-
जिसने तुम्हारे सिरहाने
ले ली है
ईसा की जगह
क्योंकि यह नहीं है इस दुनिया का महान युग
न ही इस हजारों साल पुराना दिन
जो थपकाती है विस्मृति की तरह घनी,
इसकी सफेद दाढ़ी
उम्मीद और उमस भरी सुबह की धुंध
फैली है पहाडों के शिखर पर
ज्योतिषी सितारों से कर रहे हैं सवाल
और वही कर रहे हैं धरती पर भी
जवानी है यह, मेरे बच्चे
चिर यौवन
शायद तुम्हारे चहेते कवियों के संगीत से
-रूपांतरित
उस अनंत चुप्पी के बीच
जो बनाते हैं तुम्हारे लिए एक धर्म
जिसमें जिंदा और मुर्दों के साथ-
बहती है नदियां और बहते हैं खंभे
ये इतिहास की छाया से अधिक कुछ भी नहीं,
जो सुनती है बस वर्तमान की आवाज।
Night- English Text
4. मकड़ी
धीरे धीरे
लंगड़ाती गाय की तरह
या ताकतवर सांढ़ की तरह
एक मादा मकड़ी निकलती है धरती से
दीवार पर रेंगती
बड़ी मेहनत से खुद को टांग लेती है पेड़ों के ऊपर,
हवा में फेंकती है रेशम के तार,
बुनती है स्वर्ग तक पहुंच रहा जाला
आसमान में फैला देती है अपना जाल।
कहां हैं रंग-बिरंगे पक्षी?
सूरज को मंत्र सुनाने वाले कहां हैं?
लताओं के झूलों में,
नींद से बोझिल आंखों की चमक चढ़ रही है ऊपर,
जिंदा कर रही है फिर से अपने सपने और प्रतिध्वनियां
तारों की जमघट बन रहे
उन क्षण-भंगुर जुगनुओं की तरह
मकड़ी के जादू से बचने को-
जिन्हें कुचल देगी फुदकते बछड़े की सींग।
Spider-English text
(वागर्थ, फरवरी 2022 में प्रकाशित)
Leave a Reply