अनुवाद- राजेश कुमार झा
कवि परिचय– जेयार लिन (जन्म 1958) – कवि, अनुवादक, आलोचक और लेखक। म्यांमार के आधुनिक कविओं में एक महत्वपूर्ण नाम। म्यांमार के सबसे प्रभावशाली कवियों में एक। जेयार लिन ने भावना से प्रेरित कविताओं की जगह चिंतन से उपजी कविताओं को स्थापित करने का काम किया है।म्यांमार के युवा कविओं पर उनकी शैली का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। वे रंगून में रहते हैं।

मेरा इतिहास मेरा नहीं है
कह सकता हूं बेहिचक अब कि मैं तो मर चुका हूं,
मैंने नहीं लिखा है अपना इतिहास,
दस में से ग्यारह लोग मुझे नहीं जानते
इतिहासकारों को मेरे इतिहास का अतापता नहीं
जिसे इतिहासकारों ने ही लिखा है।
नहीं हैं मेरे पास बेचने के लिए स्मृति-चिह्न
पी.एचडी. करने वालों, पत्रकारों ने शायद लिखा है मेरा इतिहास,
पर मुझे कुछ याद नहीं
नहीं हैं कोई शिलालेख,
न ही कोई मकबरा,
हड्डियां भी नहीं,
राख भी नहीं बची है मेरी
मैंने नहीं लिखा है अपना इतिहास,
विद्वानों ने लिखा है मेरा इतिहास मेरे लिए अपने हिसाब से,
उन्होंने इतिहास नहीं बल्कि लिखा है पौराणिक आख्यान
जिनपर छिड़क डाले हैं सोने के बुरादे
पता नहीं कितने बुरादों के बराबर हैं हम?
मैं नहीं था वाकिफ मौत के गड्ढों से,
उन्होंने लिखी है हमारी मौत
मौत और उनसे भी बढ़कर मौतों के बीच
मैं बन चुका था बेनाम मौत
एक अपाहिज मौत।
मेरी मौत भी नहीं थी कानूनी
अपनी मौत में भी था मैं निर्वासित,
मेरी मौत के कागजात नहीं किए थे उन्होंने पूरे
मौत के बाद भी मुझे मिली नहीं रहने की इजाजत,
उन्होंने लिखी है मेरी मौत,
हवा में लिखी है उन्होंने मेरी मौत
उन्होंने लिखी है, उन्होनें लिखी है, लिखी है पानी के अंदर मेरी मौत।
मैने दोबारा पढ़ा है अपना इतिहास
हिज्जे गलत, व्याकरण भी गलत,
मुझे तो यह भी नहीं मालूम कि कैसे पढ़ते हैं शब्दकोष,
उन्होंने लिखा है मेरा इतिहास,
काट-छांट कर मिटा डाला है उन्होंने इतिहास से मुझे।
मेरा इतिहास तो बस अभी शुरू हुआ है,
मैं लिखूंगा अपना इतिहास।
http://bit.ly/MyHistoryIsNotMyHistoryEnglishText

आग में जलता दमकल हूं मैं
मैं हूं विलुप्त होने की कगार पर खड़ा एशियाई हरिण। नहीं, उस बिजली से नहीं मिलती मुझे ऊर्जा। चलिए मान लेते हैं कि मैं हूं ईरावदी की दुर्लभ डॉल्फिन। मैं नहीं रह सकती कभी यांगत्सी नदी में। क्या मैं बन चुका हूं चीन की विशाल दीवार की एक ईंट? ईंट की भट्ठियों में मेरी हड्डियां हैं गरमी से भी गर्म।यही है इतिहास-विशिष्ट इतिहास। मैं नहीं बनना चाहता दान के कपड़ों में लिपटा हुआ अल्प विकसित मुल्क। देखो कैसे बनाते हैं वो मेरी हड्डियों से कार का ढांचा। पेट्रोल के बदले मैं हूं नाले में बहता तेल।
ताजा तरीन बैंक व्यवसाय हूं मैं। कहो अपने दादा-परदादाओं से कि आएं और करें हमारी सेवाओं का इस्तेमाल। मैं नलके का साधारण पानी हूं जिसे इश्तेहार में शुद्ध जल बताकर बेचा जाता है। मै हूं बाढ़ में डूबा हुआ गांव जिसका सरकारी नाम है विकास।गर्भ हूं मैं जिसे पूंजीवाद ने मौज मस्ती में भर दिया है अपने बीज से।
सामाजिक उथल पुथल के दौरान प्रताड़ित जमात हूं मैं। तानाशाही के जूते में चिपकी हुई एक याद हूं मैं। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले खरीददार को बेची गई लड़की की योनी की कौमार्य झिल्ली हूं मैं। फैक्टरी में काम करने वाली लड़की के टिफिन में चावल के नीचे छुपी लौकी का टुकड़ा हूं मैं। नए राष्ट्र की इमारतों ने मेरे शरीर के अधिकांश हिस्सों को कर दिया है क्षत-विक्षत। मुझे पता है क्या करना है मुझे फिर से इसे बनाने के लिए। हां इसके लिए चाहिए होगी अफसरशाही की कृपापूर्ण इजाजत।
टिड्ढियों की तरह उगती इमारतों की मैं फोटोकॉपी हूं। मैं हूं वह महान कानून जो रबर से भी ज्यादा है लचीला। अगर मैं वह अकेला इंसान हूं जिसे कर दिया गया रिहा तो मैं सैकड़ों इंसान भी हूं जो हैं अब तक बंद। मुझे यहां लगाना था अपने अंगूठे का निशान लेकिन मैंने डाल दिया अपना पूरा सर कैमरे के भीतर बिना सोचे, बिना समझे। यह है, यही है तुम्हारा नंबर और इसीलिए मैं भी बन गया एक नंबर।
मैं तुम्हारे पहरेदार कुत्ते की तरफ फेंका गया जहरीले मांस को टुकड़ा हूं। मैं कमजोर सिग्नल के बीच आसन्न प्राकृतिक विपदा की भेजी गयी खबर हूं। मैं संसद में बोलने से रोक दिया गया वाक्य हूं।
नहीं मेरे पास कुछ नहीं , अपने आप की मिल्कियत भी नहीं, इसके बारे में मैं नहीं रख सकता दार्शनिक भाव। शिखर पर जो बैठा है आज उसने हर सीढ़ी चढ़ते हुए मेरे ऊपर रखी थी लात। मुझे एक बार मिला था अलादीन का चिराग लेकिन जिन्न नहीं बोलता था मेरी जुबान। परी कथा वाली डायन कभी थी बिलकुल झक्क सफेद जिसने खा लिया था जहरीला सेव।
मैं परेशान सुंदरी की रक्षा के लिए आ रहे दिव्य राजकुमार के घोड़े की शानदार हिनहिनाहट हूं। नहीं, चलो मैं इसे ठीक कर कहता हूं। उस रक्षक राजकुमार के महान घोड़े का एक छोटा सा नमूना हूं मैं। बस यूं ही मुझे कर सकते हो नष्ट।
इन सबके बावजूद मैं स्पंज का टुकड़ा हूं जो दौड़ पड़ते हैं मिलने जैसे ही वे होते हैं नष्ट।
http://bit.ly/IamAfireEngineEnglishText

प्राचीन आख्यान
मुझे पक्का यकीन है कि आपने पहले भी सोचा होगा इसके बारे में
हैं किस तरह मक्कारी से भरे, बना रखा है झूठ का जलता हुआ ढांचा
धुएं के वे विशाल बवंडर
जला रही है हर चीज और बनता जा रहा है और भी भयंकर,
बढ़ती जा रही है उसकी भूख, झुलसा रही है वह हर चीज
आग का गोला बनता जा रहा है बड़ा, और भी बड़ा
आगे पैदा होने वाली पीढ़ियों से भी ज्यादा अंधकारमय,
निगल रही है आग हर जलने वाली चीज,
हवाएं हैं उनके ज़ुर्म में भागीदार।
कॉमरेड की तरह प्रेरणा स्रोत, लाल पंख,
ठेके में हुई कमाई
ताजा पानी, समुद्री पानी, बांध, जल-विद्युत, सैनिकों के समुद्री ठिकाने,
आग में धू धू कर जलता हुआ दमकल।
अगर खीच लें अपने को थोड़ा पीछे तो क्या साफ हो जाएगी हमारी नजर
देख पाएंगे वैसे ही जैसे देखते हैं आजादी का स्मारक?
धुएं का बादल, धुएं की लकीर, धुएं की दीवार,
आठो दिशाओं में धुआं ही धुआं,
फिर भी कहते हैं कि सबसे बेहतरीन है यह व्यवस्था?
लोभ की आग, क्रोध की आग, अज्ञानता की आग, खालिस आग
दुनिया को जला देगी ये जंग की आग।
आपको मालूम है अच्छी तरह,
अपने शरीर पर डालकर किरासन तेल, लगा लेते हैं आग
जलकर खाक हुए तुम्हारे शरीर से धुएं का एक एक कतरा कर दिया उन्होंने साफ,
हवाओं ने उड़ा दिया राख का हर कण।
कुछ लोग यूं ही जल गए इस आग में,
याद आती है मुझे वो किताब- शांति से भरी बारिश की कहानी
पढ़ा था जिसे मैंने अपनी जवानी में।
यार, तुम्हारे सुलगते शरीर से जलायी थी मैंने सिगरेट।
अखबारों में लिखा है कि दुश्मनों के ठिकाने अब घिर चुके हैं,
अब जल्द ही बरसेंगे आसमान से बम के गोले,
बड़े और छोटे, शिशु और वयस्कों के साथ ही,
जल उठेंगे हाथ, पैर, वाक्य- हरेक के टुकड़े,
कल्पना करो जलते हुए शरीर दौड़ रहे होंगे इधर उधर,
क्या नज़ारा होगा! कैसी बेहतरीन तस्वीरें खीचने का मिलेगा मौका!
आओ मेरे प्यारे,
भीड़ के बिखरने तक थोड़ी देर के लिए ही सही एक दूसरे पर करें भरोसा
सब मिलकर दीवानों की तरह करें प्यार
जबतक हमारी राख न मिल जाए एक दूसरे में,
और हवाएं उड़ा ले जाएं उन्हें कहीं दूर।
http://bit.ly/AncientFictionZeyarLynnEnglishText
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